फराह खान का जन्म 9 जनवरी 1965 को मुंबई में हुआ। उनके पिता कामरान खान एक मशहूर निर्देशक और स्टंटमैन थे। फराह का बचपन एक संपन्न परिवार में बीता, जहां फिल्मी सितारों का आना-जाना और पार्टियों का दौर आम था।
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अचानक बदले हालात
कामरान खान ने एक फिल्म बनाई और उसमें अपनी पूरी जमा पूंजी लगा दी। दुर्भाग्यवश, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति तेजी से खराब होने लगी। इस मुश्किल दौर में कामरान खान ने शराब का सहारा लिया, जिससे उनकी सेहत बिगड़ती गई और अंततः लिवर फटने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
संघर्ष का कठिन दौर
पिता के निधन के बाद फराह खान और उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। डेढ़ दशक तक फराह और उनके भाई साजिद ने अभावों का सामना किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता के अंतिम संस्कार के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे। कई जगह मदद मांगने के बाद भी निराशा हाथ लगी।
सलीम खान बने मसीहा
ऐसे समय में मशहूर लेखक और सलमान खान के पिता सलीम खान ने मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने न केवल कामरान खान का अंतिम संस्कार कराया, बल्कि परिवार के लिए एक महीने का राशन भी भिजवाया। इन तंग हालातों में भी फराह ने अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा।
छोटे कमरे में गुजारे छह साल
पिता की मौत के बाद, फराह और उनकी मां ने छह साल तक एक स्टोर रूम में रहकर अपना जीवन बिताया। फराह खान की कहानी संघर्ष और सफलता का एक बेहतरीन उदाहरण है। उनके जीवन ने यह साबित किया है कि कठिन परिस्थितियों में भी सपने पूरे किए जा सकते हैं।
माइकल जैक्सन से मिली प्रेरणा
फराह ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे माइकल जैक्सन को अपना गुरू मानती थीं। उनकी तरह डांस करने की कोशिश ने फराह को कोरियोग्राफर बनने का सपना देखने की प्रेरणा दी। इस जुनून और मेहनत ने फराह को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।