प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना | भारत मत्स्य पालन विभाग…

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से शुभारंभ किया गया था | मछली पालन के लिए रोहू, सिल्वर, ग्रास, भाकुर व नैना मछलियों का पालन होता है | इन सब मछलियों को 200 से 400 रुपये किलो तक बेचा जा सकता है | तालाब में मछली बीज डालने के 25 दिन बाद फसल तैयार होती है | एक प्रसिद्ध और जल्दी बढ़ने वाली कार्प है | यह प्रकृति की गैर हिंसक होती है। यह ज्यादातर बांगलादेश की पदमा, मेघना और बरीगंगा नदियों में पायी जाती है | भारत में इसे भाकुरा के रूप में भी जाना जाता है | 

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे सम्पूर्ण जानकारी

भारत देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से दो घटकों के तहत नीली क्रांति लाने की योजना कुल मिलाकर, केंद्रीय क्षेत्र योजना और केंद्र प्रायोजित योजना में कुल अनुमानित निवेश 20,050 करोड़ रुपये है | जिसमें केंद्रीय हिस्सा रु 9,407 करोड़, रुपये का राज्य हिस्सा 4,880 करोड़ रुपये और लाभार्थियों का हिस्सा 5,763 करोड़ रु है | मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत सरकार मछली पालन के लिए लोन उपलब्ध कर रही है | नीली क्रांति के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जवाबदेह विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही पूरे देश में लागू कर दिया है |  

ओर इनके अंडों को हैचरी प्लांट में रखा जाता है। 12 घंटे बाद अंडे से बच्चे निकलते हैं। 72 घंटे तक उनकी देखरेख के बाद मछली के बच्चे को भी तालाब में डाल दिया जाता है। और 25 दिन के बाद बच्चे भी बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं | और हिल्सा मछली बंग्लादेश में 75 फीसद, म्यांमार में 15 और भारत में सबसे कम 5 फीसद पाई जाती है | दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियाँ पाई जाती हैं | जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। इनकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्राणियों से अलग करती है | 

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana का उद्देश्य

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य एक धारणीय जिम्मेदार, समावेशी एवं न्यायसंगत तरीके से मात्स्यिकी क्षमता को दोहन करना | और भूमि एवं पानी के विस्तार गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना। मछुआरों एवं मछली किसानों की आय को दुगुना करना और रोजगार को बढ़ावा देना | 

  • आवश्यकतानुरूप निवेश करते हुए मत्स्य समूहों और क्षेत्रों के निर्माण पर केंद्रित करना | 
  • Mantri Matsya Sampada Yojana को 2024-25 तक अतिरिक्त 70 लाख टन मछली उत्पादन में वृद्धि करना | 
  • रोज़गार सृजन गतिविधियों जैसे समुद्री शैवाल और सजावटी मछली की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा | 
  • मत्स्य संपदा स्कीम का निर्यात आय बढ़ाकर रु 1,00,000 करोड तक करना होगा | 
  • ओर मछलियों को गुणवत्ता वाली नस्ल तैयार करके तथा उनकी विभिन्न प्रजातियाँ विकसित करने इनकी महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के विकास और विपणन नेटवर्क आदि पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा | 
  • मछली की आय का दोगुना करना | 
  • ओर मछुआरों और मछली पालने वालों की कमाई और काम की उम्र बढ़ रही है | 
  • मत्स्य संपदा योजना के क्षेत्र और संबद्ध गतिविधियों में अतिरिक्त 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभकारी रोजगार के अवसर पैदा करना | 
  • मछली कटाई के बाद नुकसान को 20-25% से घटाकर लगभग 10% तक लाना होगा |

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana 2024 का लाभ.

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य बागवानी को बढ़ाना है | और कृषि अपशिष्ट को संभालना और कम करना है | मत्स्य क्षेत्र में क्षमता का उपयोग करना है | 
  • Mantri Matsya Sampada Yojana का प्रस्ताव किया है | जिसमें एक शक्तिशाली मत्स्य बोर्ड संरचना का निर्माण किया गया और मूल्य श्रृंखला की जांच की गई |  
  • ओर सरकार ने स्पष्ट कहा है | कि नीली क्रांति या नील क्रांति संभवतः मछली निर्माण में ग्रह पर प्राथमिक स्थान प्राप्त कर सकती है | 
  • ओर उदाहरण के लिए, फ़ूड पार्क, फ़ूड सेफ्टी और इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है | 

PMMSY का लक्ष्य

  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य है, वर्ष 2024-25 तक मत्स्य उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि करना |  
  • Mantri Matsya Sampada Scheme के क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है |  
  • ओर मछली निर्यात के आय को 1,00,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है | 
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय को दोगुनी करना | 
  • मछलीयो की पैदावार के बाद होने वाले नुकसान को 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना | 
  • मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करना |

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लाभार्थी

  • मछुआरों | 
  • मछली किसान | 
  • मत्स्य विकास निगम | 
  • मत्स्य पालन संघ | 
  • उद्यमी और निजी फर्म | 
  • मछली/ मत्स्य सहकारिता | 
  • एससी/ एसटी/ महिला/ अलग-अलग विकलांग व्यक्ति | 
  • राज्य मत्स्य पालन विकास बोर्ड | 
  • केंद्र सरकार और उसकी इकाइयाँ | 
  • मछली श्रमिकों और मछली विक्रेताओं | 
  • मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह संयुक्त देयता समूह | 
  • राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों और उनकी संस्थाओं सहित | 
  • मछली किसान उत्पादक संगठन / कंपनियां |

मत्स्य सम्पदा योजना के ऑनलाइन आवेदन

  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की Official Website पर जाना होगा | 
  • उसके बाद वेबसाइट के मुखपृष्ठ पर अप्लाई नाउ बटन पर क्लिक करें | 
  • उसके बाद प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना एप्लीकेशन फॉर्म अगले पेज पर प्रदर्शित होगा | 
  • ओर अब आपको आवश्यक विवरण के साथ फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरे जैसे नाम, पिता / पति का नाम,  लिंग, जन्मतिथि, जाति और अन्य जानकारी बरे | 
  • उसके बाद में एप्लिकेशन सबमिट करने के लिए  सबमिटके बटन पर क्लिक कर दें |

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