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महाकुंभ में छाईं सुंदर संन्यासिन हर्षा रिछारिया साध्वी बनने के पीछे क्या है उनकी तलाश?

साध्वी हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी कहे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने बताया कि गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा तो ली है लेकिन अभी संन्यास धारण करने का अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

महाकुंभ में खूबसूरती और ग्लैमर का आकर्षण

प्रयागराज महाकुंभ में पहुंची साध्वी हर्षा रिछारिया अपनी खूबसूरती और ग्लैमर के चलते सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। मॉडलिंग और एक्टिंग छोड़कर उन्होंने दो साल पहलेदीक्षा ली थी।

उत्तराखंड से लेकर महाकुंभ तक का सफर

उत्तराखंड की रहने वाली हर्षा रिछारिया ने मॉडलिंग और एंकरिंग की दुनिया में नाम कमाया। उनकी ग्लैमरस तस्वीरें अब भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। हाल ही में वह अपने गुरु के शिविर पहुंचीं और निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ शाही रथ पर बैठकर त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगाई।

मॉडलिंग से संतोष नहीं गुरु से मिला सुकून

ABP News के साथ बातचीत में हर्षा ने बताया कि मॉडलिंग और एंकरिंग की दुनिया में उन्हें संतोष नहीं मिला। लेकिन गुरु के सानिध्य में आने के बाद उन्हें जो आनंद और शांति मिली है वह उनके लिए अनमोल है।

अमृत स्नान से दिव्य अनुभूति

अमृत स्नान के अनुभव पर उन्होंने कहा कि यह उनके लिए दिव्य था। हालांकि उन्होंने इस अवसर पर की गई अपनी कामना को उजागर करने से इनकार कर दिया।

शादी और संन्यास को लेकर दुविधा

हर्षा ने बताया कि संन्यास धारण करने के बाद विवाह संभव नहीं होता और इसी कारण वह अभी दुविधा में हैं। हालांकि वह सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रही हैं और युवाओं को इस धर्म के प्रति जागरूक बनाना चाहती हैं।

ग्लैमर की पिछली जिंदगी को नहीं भूलना चाहतीं

हर्षा ने स्पष्ट किया कि वह अपनी मॉडलिंग और एंकरिंग की पिछली जिंदगी को नहीं भूलना चाहतीं। इसी पहचान ने उन्हें लोगों के बीच प्रसिद्धि दिलाई है। यही वजह है कि उन्होंने सोशल मीडिया से अपने पुराने फोटोज और पोस्ट अभी तक नहीं हटाए हैं।



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